राहुल गांधी के हर आरोपों का जवाब दिया. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि मतदान के लिए पता मायने नहीं रखता मतलब यह अनिवार्य नहीं है. वहीं, राहुल के हाउस नंबर जीरो वाले आरोपों पर CEC ने कहा कि जिनके पास घर नहीं होता उनको हाउस नंबर जीरो दिया जाता है.
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) और ‘वोट चोरी’ पर बवाल के बीच चुनाव आयोग ने रविवार को प्रेस वार्ता की. इस दौरान चुनाव आयोग ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के दावों का खंडन किया और उनके हर आरोपों का तफ्सील से जवाब दिया. चाहे वो हाउस नंबर 0 का आरोप हो या फिर नेम डुप्लीकेशन का. चुनाव आयोग ने कहा कि हजारों मतदाताओं के मकान नंबर जीरो थे और वोटर लिस्ट में दोहराव का मतलब धोखाधड़ी नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार में एसआईआर का काम जल्दबाजी में नहीं किया जा रहा है.
चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में मतदान प्रक्रिया का समर्थन किया और कहा कि 1 सितंबर के बाद एसआईआर की मसौदा सूची पर कोई शिकायत स्वीकार नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि पीपीटी प्रेजेंटेशन में वोटर डेटा का गलत विश्लेषण किया गया है. उन्होंने कहा कि राहुल अपने आरोपों पर 7 दिनों के भीतर हलफनामा दाखिल करें या फिर देश से माफी मांगें.
वहीं, राहुल गांधी के जीरो हाउस नंबर वाले आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने कहा कि जिनके पास घर नहीं होता उनको हाउस नंबर 0 दिया जाता है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग पुलों के नीचे, लैंपपोस्ट के पास और शहरों में अनधिकृत कॉलोनियों में रहते हैं और चुनाव आयोग कोशिश करता है कि कोई भी मतदाता छूट न जाए और उन्हें पता दे दिया जाए.
मतदान के लिए पता अनिवार्य नहीं- CEC
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि मतदान के लिए पता मायने नहीं रखता मतलब यह अनिवार्य नहीं है. इसके लिए राष्ट्रीयता, 18 साल उम्र और बूथ से नजदीकी जरूरी है. वहीं, नेम डुप्लीकेशन वाले आरोप पर ज्ञानेश कुमार ने कहा कि कुछ मतदाताओं ने डुप्लिकेट मतदान के आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा कि एक मतदाता का नाम एक से ज्यादा बूथों पर होना एक बात है और दो जगहों पर वोट डालना बिलकुल अलग बात है. अगर किसी मतदाता का नाम दो जगहों पर भी हो, तो वह एक ही जगह वोट डालता है.
सबूत मांगने पर कोई जवाब क्यों नहीं?
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि दो जगहों पर वोट डालना अपराध है. उन्होंने डुप्लिकेट मतदान के आरोप लगाने वालों से सबूत पेश करने को कहा. उन्होंने आगे कहा कि जब सबूत मांगे गए, तो कोई जवाब नहीं दिया गया. चुनाव आयोग बिना सभी मतदाताओं और सभी दलों के साथ चट्टान की तरह खड़ा था, खड़ा है और खड़ा रहेगा. सीईसी ने कहा कि वोटर लिस्ट और वोटिंग दो अलग-अलग विषय हैं.