लगातार दूसरे दिन लोगों को आंधी और बरसात के कारण परेशानी झेलनी पड़ी। गुरुवार की तुलना में शुक्रवार को आंधी की रफ्तार दो गुनी आंकी गई। कई जगह बिजली के खंभे और पेड़ गिर गए। शहर के अधिकांश इलाकों की बिजली गुल हो गई।
पावली खास स्टेशन के पास ओवरहेड इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट (ओएचई) के तार पर रेलवे फाटक का बैरियर गिरने से शालीमार, योगा एक्सप्रेस और लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस समेत आठ ट्रेनें जहां की तहां खड़ी हो गई। इससे करीब पौने दो घंटे तक गाजियाबाद से टपरी सेक्शन रूट पर ट्रेनों का आवागमन बाधित हो गया। शालीमार एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों के सुनसान क्षेत्रों में खड़े होने से यात्रियों की सांसें अटकी रहीं। आसपास पूरे इलाके में अंधेरा छाया था।
विनायक विद्यापीठ के पास रेलवे का फाटक 32 एसी है। तेज आंधी में फाटक का बैरियर गिरने से जबरदस्त स्पार्किंग हुई और सप्लाई बाधित हो गई। उस समय शालीमार एक्सप्रेस कैंट स्टेशन से जम्मूतवी के लिए निकल चुकी थी। तार टूटने से ट्रेन पावली खास क्षेत्र में खड़ी हो गई।
जानकारी मिलते ही पहुंची टीम–
जानकारी मिलते ही टावर वैगन को कैंट स्टेशन से रवाना किया गया। साथ ही सिटी और पावली स्टेशन से कर्मचारियों की टीम भी पहुंच गई। देर शाम 7:35 से रात 9:10 बजे तक ट्रेन वहीं खड़ी रही। इस ट्रेन के रवाना होने के बाद अन्य ट्रेनों को निकाला गया। जिस समय फाल्ट हुआ, उस दौरान कई ट्रेनों का आवागमन होता है।
हरिद्वार पैसेंजर मेरठ कैंट, नई दिल्ली सहारनपुर एक्सप्रेस साहिबाबाद में प्लेटफार्म पर रोकनी पड़ी। मेरठ आ रही उज्जैनी एक्सप्रेस भी एक घंटा 22 मिनट विलंबित रही। मेरठ से आगे हरिद्वार की ओर जाने वाली हरिद्वार पैसेंजर, दिल्ली-सहारनपुर ट्रेन भी प्रभावित हुई। वहीं हरिद्वार से मेरठ की ओर आने वाली योगा एक्सप्रेस दौराला के पहले खड़ी रही। मुंबई जाने वाली लोकमान्य तिलक सुपरफास्ट एक्सप्रेस एक घंटा 20 मिनट विलंब से साढ़े नौ बजे रात में मेरठ पहुंची।