अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 19 मई को ‘टेक इट डाउन एक्ट’ पर हस्ताक्षर कर इसे कानून में बदल दिया. यह कानून बिना सहमति के साझा की गई अंतरंग तस्वीरों और एआई से बनाए गए डीपफेक वीडियो को आपराधिक श्रेणी में लाता है. इस अवसर पर प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप ने भी मौजूद रहकर इसका समर्थन किया, और कहा कि यह कानून परिवारों को ऑनलाइन शोषण से लड़ने में मदद करेगा. यह अधिनियम कांग्रेस में द्विदलीय समर्थन के साथ पारित हुआ, जिसका नेतृत्व रिपब्लिकन टेड क्रूज़ और डेमोक्रेटिक सीनेटर एमी क्लोबुशर ने किया.

इस कानून को लेकर कुछ आलोचनाएं भी उठी हैं, विशेष रूप से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गोपनीयता के उल्लंघन के संदर्भ में। कुछ डिजिटल अधिकार समूहों का कहना है कि यह कानून अत्यधिक व्यापक है और इसका दुरुपयोग किया जा सकता है, जिससे वैध सामग्री भी हटाई जा सकती है।

कुल मिलाकर, ‘टेक इट डाउन एक्ट’ एक महत्वपूर्ण कदम है जो डिजिटल दुनिया में व्यक्तिगत गोपनीयता की रक्षा करने का प्रयास करता है, लेकिन इसके कार्यान्वयन और निगरानी के लिए उचित उपायों की आवश्यकता है ताकि इसका दुरुपयोग न हो।

‘टेक इट डाउन एक्ट’ पर राष्ट्रपति ट्रंप के हस्ताक्षर के बाद की प्रमुख खबरें

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version