जब पहलगाम में हमला हुआ, तब पुणे के पर्यटकों का एक ग्रुप श्रीनगर से लगभग 50 किलोमीटर दूर गुलमर्ग में था। उन्होंने बताया कि वे किसी तरह श्रीनगर पहुंच गए। शुरुआती योजना के तहत उन्हें 25 अप्रैल को अमृतसर जाना था लेकिन इस घटना के बाद ग्रुप में से किसी का भी यात्रा पर जाने का मन नहीं कर रहा है।

महाराष्ट्र के पुणे के 500 से ज्यादा पर्यटक इस समय जम्मू-कश्मीर में हैं और पहलगाम आतंकी हमले के बाद वापस लौटने वालों के लिए विशेष उड़ानों की व्यवस्था करने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने बुधवार शाम यह जानकारी दी। यहां एक ऊर्जा फर्म में काम करने वाले गिरीश नाइकवाडी ने कहा कि वह 14 लोगों के ग्रुप के साथ जम्मू-कश्मीर गए थे लेकिन अब उन्होंने अपनी यात्रा बीच में ही समाप्त करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी यात्रा जारी रखने की स्थिति में नहीं हैं। हम जल्द से जल्द पुणे लौटना चाहते हैं खास तौर पर इसलिए क्योंकि हमारे साथ छोटे बच्चे हैं।’’

हमले के बाद अमृतसर यात्रा भी कैंसिल की  

नाइकवाडी ने बताया कि जब हमला हुआ, तब उनका ग्रुप श्रीनगर से लगभग 50 किलोमीटर दूर गुलमर्ग में था। उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी तरह आज श्रीनगर पहुंच गए। शुरुआती योजना के तहत हमें 25 अप्रैल को अमृतसर जाना था लेकिन इस घटना के बाद ग्रुप में से किसी का भी यात्रा पर जाने का मन नहीं कर रहा है।’’

एक अन्य पर्यटक हर्षल पंडित ने कहा कि वह और उनका परिवार गुरुवार को पुणे लौटेंगे। पुणे में नशा मुक्ति केंद्र संचालित करने वाले पंडित ने कहा, ‘‘हम अभी श्रीनगर में हैं और स्थिति तनावपूर्ण है और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है। हमारी आज पहलगाम जाने की योजना थी, लेकिन घटना के बाद हमें इसे रद्द करना पड़ा।’’

फंसे पर्यटकों की मदद कर रही ‘सरहद’

इस बीच, कश्मीरी युवाओं के पुनर्वास के लिए काम करने वाली पुणे की गैर सरकारी संस्था ‘सरहद’ फंसे पर्यटकों की मदद के लिए अपने संसाधन जुटी रही है। सरहद के संस्थापक संजय नाहर ने कहा, ‘‘कश्मीर में हमारे स्वयंसेवक फंसे पर्यटकों को ठहरने और रसद के साथ मदद कर रहे हैं।’’ नागर विमानन राज्य मंत्री एवं पुणे के सांसद मुरलीधर मोहोल ने कहा कि गुरुवार को 182 पर्यटकों को विशेष उड़ानों से महाराष्ट्र वापस लाया जाएगा। (भाषा इनपुट्स के साथ)

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