भारत की पहली बुलेट ट्रेन, जो शिंकानसेन तकनीक पर आधारित है, वर्तमान में जापान में परीक्षण के दौर से गुजर रही है। इस परियोजना का उद्देश्य मुंबई और अहमदाबाद के बीच उच्च गति रेल संपर्क स्थापित करना है, जिससे यात्रा समय में महत्वपूर्ण कमी आएगी।
शिंकानसेन तकनीक और भारत में इसका उपयोग
भारत की बुलेट ट्रेन परियोजना में जापान की शिंकानसेन E5 तकनीक को अपनाया गया है, जो विश्वभर में अपनी उच्च गति और सुरक्षा के लिए प्रसिद्ध है। इस तकनीक को भारत में लागू करने के लिए जापान ने भारतीय इंजीनियरों को प्रशिक्षित किया है, ताकि वे शिंकानसेन प्रणाली के विभिन्न पहलुओं को समझ सकें और उसे लागू कर सकें।
🇮🇳 भारत में शिंकानसेन ट्रेन का परिचालन
मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (MAHSR) परियोजना के तहत, शिंकानसेन E10 मॉडल को भारत में 2030 तक लॉन्च करने की योजना है। यह ट्रेन 400 किमी/घंटा की अधिकतम गति से चलने में सक्षम होगी, जो यात्रा को और भी तेज और सुरक्षित बनाएगी।
MAHSR परियोजना में अब तक 300 किमी से अधिक का वायाडक्ट (उपरी रेल मार्ग) निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जिसमें विभिन्न निर्माण विधियों का उपयोग किया गया है। इसके अतिरिक्त, सुरत में एक विशेष प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया गया है, जहाँ भारतीय इंजीनियरों को शिंकानसेन तकनीक पर आधारित ट्रैक निर्माण की शिक्षा दी जा रही है।
जापान ने इस परियोजना में तकनीकी सहायता प्रदान की है और भारतीय अधिकारियों को शिंकानसेन प्रणाली के संचालन और रखरखाव के लिए प्रशिक्षण दिया है। इसके अलावा, जापान ने दो शिंकानसेन E3 और E5 मॉडल भारत को उपहार स्वरूप देने की घोषणा की है, जो भारतीय रेल नेटवर्क में शामिल किए जाएंगे।