“कभी किसी खिलाड़ी ने इतना आक्रामक होकर टेस्ट क्रिकेट को इतना आकर्षक नहीं बनाया।”
आज भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक ऐसा पन्ना बंद हो गया, जिसे हर बार पलटते वक्त आंखें भीगेंगी और सीना गर्व से फूल जाएगा। विराट कोहली — वो नाम जिसने मैदान पर बल्ले से रन नहीं, इतिहास लिखा… अब टेस्ट क्रिकेट में कभी सफेद जर्सी पहनकर नहीं दिखेगा।
जब दुनिया टी20 और IPL के पीछे भाग रही थी, तब कोहली ने लाल गेंद को अपना धर्म बनाया। उन्होंने न केवल टेस्ट खेलने का तरीका बदला, बल्कि टेस्ट को cool बना दिया।
मैच खेले: 123
इन्निंग्स: 210
नॉट आउट: 13
कुल रन: 9230
सर्वश्रेष्ठ स्कोर: 254*
बैटिंग एवरेज: 46.85
100s / 50s: 30 शतक / 31 अर्धशतक
डबल सेंचुरी: 7
कैच: 121
भारत को दिया टेस्ट का नया DNA
2014 में जब उन्होंने कप्तानी संभाली, तो भारत टेस्ट रैंकिंग में 7वें पायदान पर था।
2016 से 2021 तक, भारत पांच साल लगातार नंबर 1 टेस्ट टीम बना।
विदेशी धरती पर ऐतिहासिक जीतें – ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका – कोहली की टीम लड़ने आई नहीं, जीतने आई थी।
कोहली का टेस्ट प्रेम:
उनके चेहरे पर जज़्बा, गेंदबाज़ को घूरती आंखें, स्लेजिंग का जवाब शतक से, और मैच खत्म होने तक मैदान पर 200% एनर्जी — विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट के आखिरी पोस्टर ब्वॉय थे?
चुभता है ये अलविदा?
क्योंकि ये सिर्फ एक खिलाड़ी का संन्यास नहीं है… ये उस दौर का अंत है जब टेस्ट मैच सुबह विराट की चीत्कार से शुरू होता था और उसकी आक्रामक फील्डिंग से खत्म। अब वो कवर ड्राइव नहीं दिखेगा, वो झटके में हेलमेट निकाल कर जश्न मनाना नहीं दिखेगा…।
विराट ने सिखाया कि टेस्ट खेलने का स्टाइल बदल सकता है, लेकिन जुनून नहीं।
फिजिकल फिटनेस, माइंडसेट और टीम के लिए खुद को पीछे रखना — कोहली ने नए क्रिकेटर की परिभाषा गढ़ी।
“वो एक बल्लेबाज था, जिसने रन बनाए। एक कप्तान था, जिसने लड़ना सिखाया। लेकिन एक इंसान था, जिसने टेस्ट क्रिकेट को फिर से प्यार करना सिखाया।”
धन्यवाद विराट — सिर्फ भारत नहीं, पूरी क्रिकेट दुनिया आज तुम्हें सलाम कर रही है।
विराट कोहली भारत के एकमात्र बल्लेबाज़ हैं जिनके नाम 7 दोहरे शतक दर्ज हैं।
2016 से 2019 के बीच, विराट ने टेस्ट क्रिकेट में 18 शतक ठोके — इतना दबदबा शायद ही किसी का रहा हो।