फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन भारत को राफेल का सोर्स कोड देने को राजी नहीं है, जिससे माना जा रहा है कि भारत अब फ्रांस की बजाय रूस की तरफ रुख कर सकता है। पाकिस्तान से हालिया तनाव के बाद भारत चाहता है कि राफेल को स्वदेशी मिसाइलों से लैस करे, लेकिन फ्रांस इसमें सहयोग नहीं कर रहा। पहले भी भारत ने कावेरी इंजन के लिए रूस का सहारा लिया था, जहां उसका परीक्षण हो रहा है। ओपन मैग्जीन ने रिपोर्ट दी है कि भारत अब Su-57 लड़ाकू विमानों पर विचार कर रहा है। रूस Su-57 की टेक्नोलॉजी शेयर करने के लिए तैयार है और भारत में प्रोडक्शन लाइन लगाने का प्रस्ताव भी दे रहा है। भारत ‘मेक इन इंडिया’ के तहत इस प्रोजेक्ट को पूरा करना चाहता है, और रूस इसका मजबूत साथी बन सकता है। फ्रांस की जिद्द के चलते भारत राफेल मरीन डील को भी कैंसिल कर सकता है। साथ ही, भारत रूस से S-400 और S-500 सिस्टम्स पर भी चर्चा कर सकता है।