Independence Day 2025: भारतीय ध्वज में मौजूद केसरिया साहस और बलिदान का प्रतीक है, सफेद शांति और सच्चाई का प्रतीक है और हरा रंग समृद्धि और नवीनीकरण का
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हमारे देश के लिए 15 अगस्त (Independence Day 2025) का दिन एक ऐतिहासिक तारीख है। इसी दिन साल 1947 में हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था। हर साल स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले पर प्रधानमंत्री ध्वाजारोहण करते हैं और देश के वीरों को सलामी देते हैं।
हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा हमारी स्वतंत्रता का प्रतीक है। इसके तीन रंग, केसरिया, सफेद और हरा हमें बेहद खास संदेश देते हैं। आइए जानते हैं तिरंगे के तीन रंगों का क्या मतलब है और ये हमें क्या सीख देते हैं।
तिरंगे का आकार
तिरंगा की लंबाई और चौड़ाई 3:2 के अनुपात में होती है। इस पर तीन रंगों की बराबर पट्टियां और बीच में अशोक चक्र बना होता है। अशोक चक्र नीले रंग से बना होता है, जिसमें 24 तीलियां होती हैं।
केसरिया रंग का मतलब
तिरंगे के सबसे ऊपर केसरिया रंग होता है। ये रंग देश की ताकत और साहस को दिखाता है। ये हमारे देश के वीरों से साहस का प्रतीक है। ये रंग बलिदान और देशभक्ति की भावना का भी प्रतीक माना जाता है।
सफेद रंग का मतलब
तिरंगे का सफेद रंग शांति और सच्चाई का प्रतीक माना जाता है। यह रंग दर्शाता है कि भारत एक शांति प्रिय देश है और अहिंसा में विश्वास रखता है। वहीं इस पर बना धर्म चक्र यानी अशोक चक्र धर्म और निरंतर आगे बढ़ते रहने का प्रतीक है।
हरा रंग का मतलब
तिरंगे का तीसरा रंग यानी हरा रंग, हमारे देश की हरियाली और विकास का प्रतीक है। भारत एक कृषि प्रधान देश है। तिरंगे का यह रंग हमें खेती और हरियाली की अहमियत याद दिलाता है।
क्या है अशोक चक्र की खासियत?
तिरंगे के सफेद रंग के बीच बना गहरे नीले रंग का चक्र अशोक चक्र कहलाता है। यह अशोक स्तंभ पर बने चक्र से लिया गया है। इसमें 24 तीलियां होती हैं, जो साल के 24 घंटे का प्रतीक हैं। ये हमें धर्म के साथ निरंतर आगे बढ़ने की सीख देता है।
कब अपनाया गया तिरंगा?
तिरंगे को भारत के राष्ट्र ध्वज का दर्जा 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा द्वारा दिया गया। हमारा तिरंगा हमारे देश के गौरव और आजादी का प्रतीक है। इसलिए तिरंगे को बेहद सम्मान के साथ फहराया जाता है।