दिल्ली ब्लास्ट के मास्टरमाइंड माने जा रहे डॉ. मुजम्मिल की गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसियां साजिश की परतें खोल रही हैं. अल फलाह यूनिवर्सिटी के 15 डॉक्टर, जो मुजम्मिल के संपर्क में थे, रहस्यमय तरीके से गायब हो गए हैं.

दिल्ली ब्लास्ट का मास्टरमाइंड माना जा रहा डॉक्टर मुजम्मिल 9 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया गया था. अब जांच एजेंसियां इस पूरी साजिश की परतें खोलने में लगी हुई हैं और मुजम्मिल के पूरे जाल को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही हैं. इस बीच जानकारी सामने आई है कि अल फलाह यूनिवर्सिटी के 15 डॉक्टर मिसिंग हैं. यह वो डॉक्टर हैं, जो मुजम्मिल के संपर्क में थे.

जांच एजेंसियां मुजम्मिल की कॉल डिटेल्स के आधार पर उन 15 डॉक्टरों को ढूंढ रही हैं, लेकिन उनका फोन बंद आ रहा है. जब जांच एजेंसियां पूछताछ के लिए अल फलाह यूनिवर्सिटी पहुंची, तो यह डॉक्टर गायब मिले. इन डॉक्टरों का गायब मिलना कई तरह के सवाल उठा रहा है, जांच एजेंसियां इनकी तलाश में जुटी हैं और देशभर में छापेमारी कर रही हैं.

जैसे-जैसे दिल्ली ब्लास्ट की जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे कई खुलासे सामने आ रहे हैं. आखिर 5 दिन से लाल किला के आसपास जांच एजेंसियां ये भी जांच कर रही हैं क दिल्ली कार धमाके में क्या पार्किंग के भीतर ही 3 घंटे में कार में बम तैयार किया गया था. कार में धमाके के कई पेंच अभी भी अनसुलझे हैं जो एजेंसियों को इस तरफ इशारा कर रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक जिस हाई इंटेंसिटी ब्लास्ट को अंजाम दिया गया उसमें न टाइमर मिला और न ही डेटोनेटर के अंश. लेकिन एजेंसियों को इतना जरूर पता है कि अगर धमाका हुआ है तो वो डेटोनेटर के बिना नहीं हो सकता है.

5 दिन से लाल किले के आसपास क्या ढूंढ रही एजेंसियां?

इस ब्लास्ट की तहकीकात कर रही जांच एजेंसियां 5 दिन से धमाके की जगह पर डेटोनेटर या इलेक्ट्रिक वायर जैसी बारीक चीजें तलाश रही हैं. एजेंसियों को शक है कि आतंकी उमर ने पार्किंग में खड़ी गाड़ी के अंदर ही एक ऐसा बम तैयार किया था जो हाई इंटेंसिटी का हो और ज्यादा से ज्यादा नुकसान हो..

दरअसल कुछ ऐसे नमूने स्पॉट से मिले हैं जो अमोनियम नाइट्रेट के होने की तरफ इशारा कर रहे हैं. अगर धमाके से पहले अमोनियम नाइट्रेट और उसमें केमिकल ऑयल को बंद गाड़ी में रखा जाएगा तो उसमें गर्मी बढ़ती जाएगी, जिसके बाद वो दबाव सहन नहीं कर सकता है. इसलिए 3 घंटे का समय इस दबाव को बनाने के लिए लिया जा सकता है. लेकिन इसे ब्लास्ट करने के लिए डिटेक्टर होना जरूरी है तभी एजेंसियां इस धमाके में लाल किले के आसपास एविडेंस इकट्ठा कर रही हैं ताकि इस धमाके की गुत्थी सुलझ सके.

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