हां, यह सच है कि ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय को नए अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दाखिला देने से रोकने वाला आदेश जारी किया है। यह कदम अमेरिकी सरकार और हार्वर्ड के बीच बढ़ते टकराव का हिस्सा है, जो विश्वविद्यालयों में “वोक” विचारधारा, एंटी-सेमिटिज़्म और चीन से कथित संबंधों को लेकर ह
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) की सचिव क्रिस्टी नोम ने 22 मई 2025 को हार्वर्ड को एक पत्र भेजा, जिसमें विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वीज़ा रिकॉर्ड, विशेष रूप से “गैरकानूनी और हिंसक गतिविधियों” से संबंधित जानकारी 30 अप्रैल तक प्रस्तुत करने की मांग की गई थी। यदि हार्वर्ड ने यह जानकारी प्रदान नहीं की, तो उसे स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विज़िटर प्रोग्राम (SEVP) से बाहर कर दिया जाएगा, जिससे वह नए अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दाखिला नहीं दे सकेगा ।
हार्वर्ड की प्रतिक्रिया
हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने इस आदेश को “अवैध” और “प्रतिशोधात्मक” बताते हुए इसका विरोध किया है। विश्वविद्यालय ने कहा है कि वह अपनी स्वतंत्रता और संविधानिक अधिकारों से समझौता नहीं करेगा। इसके अलावा, ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड के खिलाफ 2.3 अरब डॉलर से अधिक की संघीय निधि को स्थगित कर दिया है और विश्वविद्यालय की कर-मुक्त स्थिति को रद्द करने की धमकी दी है ।
यह आदेश हार्वर्ड के लगभग 6,800 अंतरराष्ट्रीय छात्रों को प्रभावित करेगा, जो विश्वविद्यालय के कुल छात्रों का लगभग 27% हैं। यदि हार्वर्ड SEVP से बाहर हो जाता है, तो इन छात्रों को अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए अन्य विश्वविद्यालयों में स्थानांतरित होना पड़ सकता है, अन्यथा उनका वीज़ा रद्द हो सकता है ।