सिक्किम में एक सैन्य अभियान के दौरान अग्निवीर को बचाने के क्रम में सिक्किम स्काउट्स के लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी बलिदान हो गए। 22 मई की सुबह लगभग 11 बजे यह घटना हुई। उन्होंने अपने सहयोगी सैनिक की जान बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
23 वर्षीय लेफ्टिनेंट शशांक को सेना में कमीशन प्राप्त हुए अभी छह महीने भी नहीं हुए थे। सेना ने एक बयान जारी कर बताया है कि लेफ्टिनेंट शशांक एक रूट ओपनिंग पेट्रोल टीम का नेतृत्व कर रहे थे। पांच सदस्यीय यह पेट्रोलिंग टीम एक ऑपरेटिंग बेस की ओर बढ़ रही थी। इसको भविष्य में सेना की तैनाती के लिए तैयार किया जा रहा था।
पेट्रोल टीम के सदस्य अग्निवीर स्टीफन सुब्बा एक लकड़ी के पुल को पार करते समय फिसल गए और तेज बहाव वाली पहाड़ी नदी में बह गए। लेफ्टिनेंट शशांक ने अग्निवीर को बचाने के लिए पानी में छलांग लगा दी। टीम में शामिल एक अन्य सैनिक नायक पुकुर कटेल ने भी तुरंत उनका साथ दिया। दोनों ने मिलकर डूब रहे अग्निवीर को बचा लिया।
मगर इस प्रयास में लेफ्टिनेंट शशांक पानी के तेज बहाव में बह गए। लगभग आधे घंटे बाद उनका शव घटनास्थल से 800 मीटर दूर नदी से बरामद हुआ। वह उत्तर प्रदेश के अयोध्या के रहने वाले थे। सिक्किम पुलिस के अधिकारी कुमार गुरुंग ने बताया है कि बलिदानी अधिकारी के पार्थिव शरीर को वायुसेना ने बागडोगरा स्थित सेना के अस्पताल पहुंचाया गया है।